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bhumihar related posters

पोस्टरों की दुनिया में बाघ, बंदूक और भूमिहार!

गर्म खून, अच्छी नस्ल, ऊँची जात हूँ, हाँ मैं भूमिहार हूँ ये पंक्तियाँ किसी जोशीले भूमिहार युवा द्वारा बनाये गए पोस्टर की है. पोस्टर पर...
anju suhaib ilyasi murder case

अंतर्जातीय विवाह की त्रासदी सुहैब इलियासी-अंजू मर्डर केस, अंजू इलियासी कभी अंजू सिंह हुआ...

खुलेपन के नाम पर अंतर्जातीय विवाह आम बात है. भूमिहार समाज भी इससे अछूता नहीं. लड़के और लड़कियां आधुनिकीकरण के नाम पर धर्म और...
Rajeev Kumar

राजनीतिक महत्वकांक्षा के लिए भूमिहार ब्राह्मण समाज को पथभ्रष्ट करने की साज़िश

एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा विगत तीन दशकों से भूमिहार ब्राम्हण समाज को पथभ्रष्ट कर उसको बर्बादी की आग में झोंकने पर लगातार अमादा...
abhyanand ips

प्रवासी मजदूरों का स्वागत कीजिये, खेती-बाड़ी से नया बिहार बनाइये – अभयानंद

कोरोनायुग के लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों की समस्या बड़े पैमाने पर उभरकर सामने आयी है.बिहार के संदर्भ में यह समस्या और विकराल बनकर उभरी...
Governing Body of Bhumihar

बिहार में विकास के एजेंडे पर वोट के लिए खड़ा हुआ भूमिहार-ब्राह्मण समाज

प्रेस विज्ञप्ति- पटना, 03 अक्टूबर। बिहार में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है और सभी दल अपने-अपने तरीके से जनता को लुभाने की कवायद...
Bihar Election 2020

बिहार चुनाव- बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंग का टूटता तिलिस्म, भूमिहारों की नाराजगी पड़ रही...

देवकुमार पुखराज, राजनैतिक विश्लेषक बिहार में हुए पहले चरण के चुनाव मतदान के बाद जो रुझान सामने आ रहा है , उसके मुताबिक़ महागठबंधन का...
inter-caste marriages

अंतरजातीय विवाह के जरिए भू-समाज को खोखला करने की साजिश

अन्तर्जातीय विवाह दलित और एससी,एसटी की राजनीति करने वाले नेताओं के प्रमुख एजेंडे में से एक है.लेकिन सच्चाई ये है कि सवर्ण जाति को...
open-letter-to-modi-by-ranv

रणवीर की खुली चिठ्ठी प्रधानमंत्री मोदी के नाम

आदरणीय प्रधानमंत्री जी, प्रणाम।  कई वर्षों से आपको पत्र लिखने की सोच रहा था,लेकिन फिर ये सोंचकर रुक जाता था कि पता नहीं आप मेरे बारे में...
royal bhumihar ki chavi

रॉयल भूमिहार की छवि बुलेट और गन से नहीं कलम से बनेगी

वक्त बदलता है और इतिहास गवाह है कि जो समाज वक्त की आहट को पहचानकर सचेत नहीं हुआ, वो इतिहास के पन्नों में दफ़न...
bhumihar brahaman

‘हनुमान’ जी की तरह अपनी शक्तियां क्या भूल गया ‘भूमिहार ब्राहमण समाज’?

कभी नौकर-चाकर रखने वाले भूमिहार ब्राहमण आज खुद नौकरी के लिये तरस रहे है समय बदलता रहा है. सबल-निर्बल हो जाता है और निर्बल-सबल. पिछले...
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