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bhagwan parshuram gopal ji write up

अकारण क्रोधित नहीं होते भगवान परशुराम, अधर्म के नाश के लिए उठता है उनका...

धर्म की जब-जब हानि होगी तब-तब अवतरित होते रहेंगे भगवान् परशुराम भगवान परशुराम की जयंती (अक्षय तृतीया, अप्रैल 2020 पर विशेष) : पृथ्वी पर जब-जब...
parshuram ka itihas

ब्रह्मर्षि परशुराम का इतिहास और राम-परशुराम कथा

कान्यकुब्ज (कन्नौज) नामक नगर में गाधि नामक राजा था| उसे एक अप्सरावत सुंदर कन्या पैदा हुई जिसका नाम सत्यवती था| भृगुनन्दन ऋचीक मुनि ने...
ram padarath babu great bhumihar

सादगी और भाईचारगी के संवाहक ‘गया बाबू’

गया बाबू का जन्म और प्रारम्भिक शिक्षा हजारीबाग शहर से 25 किलोमीटर की दूरी (दक्षिणी-पश्चिमी छोर) पर अवस्थित कर्णपुरा परगना(प्रखंड बड़कागांव, टन्डवा, केरेडारी) के गांव...
Lieutenant Colonel Vidya Sharma

भूमिहार ब्राह्मण का इतिहास, वर्तमान एवं भविष्य- Bhumihar Brahmin: History, present and future in...

भूमिहार के किसी भी लिखित अलिखित इतिहास से पूर्व मेर इस आलेख को socio-scientific cap पहनकर खुले दिल से पूरी आलोचना और विष वमन...
babu ambuj sharma

मगध मग शाकल्द्वीपी और भूमिहार भ्रम निवारण

अनेकानेक विद्वानों ने मनगढंत या बिना पढे लिख डाला है कि मगध का नाम शाकल्द्वीपि ब्राह्मणों के नाम पर पड़ा है। शाकल्द्वीपि ब्राह्मणों...
Dev Sun Temple

बिहार के भूमिहार ब्राह्मणों के पौरोहित्य का विराट इतिहास

bhumihar history in hindi - मगधनामा (magadhnama)शोधपरक पुस्तक है जो उत्तर प्रदेश कैडर  के प्रशासनिक अधिकारी कुमार निर्मलेन्दु द्वारा लिखा गया है। इस पुस्तक...
Heroes of Sanyasi Revolt

सन्यासी विद्रोह के महानायक थे भूमिहार ब्राह्मण

पहली बार अंतरराष्ट्रीय जनरल हिस्ट्री टुडे में डा आनंदवर्धन द्वारा लिखे गये लेख "The Sanyasi Revolt: A Critical Reappraisal" में किया गया है इस...

राम-जन्मभूमि संघर्ष और भूमिहार ब्राह्मण

रामजन्म भूमि रक्षा में बाबर के सेना के विरुद्ध ब्राह्मणों की सेना का नेतृत्व करते हुये बड़ी संख्या में भूमिहार ब्राह्मण एवम उनके सहयोगी...
Swami ParangKushaCharya

स्वामी पराङ्कुशाचार्य एक समाज सुधारक संत

-अरविन्द रॉय भूमिहार ब्राह्मण संत स्वामी पराङ्कुशाचार्य एक समाज सुधारक और वैष्णव भक्त संत थे। जिस समय इनका जन्म हुआ, उस समय देश में संतों...

श्रीबाबू को धाराप्रवाह संस्कृत बोलते देख जब आयोजक हो गए हैरान!

बात 1958-59 की है। गया कॉलेज गया के संस्कृत विभाग में एक महत्वपूर्ण समारोह में श्री बाबू मुख्य अतिथि थे। उनसे सभा को संबोधित...
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