बक्सर. बक्सर के पूर्व सांसद दिवगंत लालमुनी चौबे की पहली पुण्यतिथि पर बक्सर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय के साथ-साथ केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिंहा और सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री गिरीराज सिंह ने भी शिरकत की.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय ने कहा कि लालमुनि चौबे नहीं होते, तो बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से हिंदू शब्द समाप्त हो जाता. 1965 में संसद में एक अध्यादेश पारित किया गया, जिसमें बनारस हिंदू विश्व विद्यालय से हिंदू शब्द हटाने को लेकर चौबे ने जोरदार आंदोलन खड़ा किया, जिसका सपोर्ट मार्क्सवादी व अन्य विचारधारावाले लोगों को भी करना पड़ा. ऐसा व्यक्तित्व था लालमुनि चौबे का. मैं मानता हूं कि उन्होंने पोथी नहीं पढ़ी, डिग्री नहीं हासिल की. उन्होंने अपने जीवनी से ऐसी पोथी बनायी जो यह श्रद्धांजलि है. यह चौबे जी का परिवार है, जिसमें उनको नहीं जाननेवाले, पहचाननेवाले और न माननेवाले सभी शामिल हैं.
कार्यक्रम में रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने उनके सादगी से भरे व्यक्तित्व की चर्चा के साथ ही राज्यसभा सांसद आरके सिंहा ने नगर में प्रतिमा लगाने की मांग पर रेलवे की खाली जगह पर पार्क व मूर्ति के लिए जमीन देने की बात स्वीकार की. इसके लिए बक्सर सांसद को सहयोगी बनाते हुए विभाग को इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण करने को कहा. कार्यक्रम में बक्सर सांसद अश्विनी चौबे, आरा सांसद आरके सिंह, राज्यसभा सांसद आरके सिंहा, बेतिया विधायक संजय अग्रवाल, पूर्व विधायक संजय सिंह टाइगर, सदर विधायक संजय तिवारी भी शामिल हुए.
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