– डॉ. अरुण कुमार
जहानाबाद में मतदाताओं के आँखों पे पट्टी बांध कर, आलपिन चुभा कर साँप के काटने का भय दिखा रहे हैं नितीश कुमार
एक कहानी के जरिये समझीये की नितीश कुमार कर क्या रहे हैं? कहानी इस प्रकार है:
जब एक कैदी को फॉसी की सजा सुनाई गई तो वहॉ के कुछ बैज्ञानिकों ने सोचा कि क्यों न इस कैदी पर कुछ प्रयोग किया जाय ! तब कैदी को बताया गया कि हम तुम्हें फॉसी देकर नहीं परन्तु जहरीला कोबरा सॉप डसाकर मारेगें !
उसके सामने बड़ा सा जहरीला सॉप ले आने के बाद कैदी की ऑखे बंद करके कुर्सी से बॉधा गया और उसको सॉप नहीं बल्कि दो सेफ्टी पिन्स चुभाई गई ! क्या हुआ कैदी की कुछ सेकेन्ड मे ही मौत हो गई, पोस्टमार्डम के बाद पाया गया कि
कैदी के शरीर मे सॉप के जहर के समान ही जहर है ।
अब ये जहर कहॉ से आया जिसने उस कैदी की जान ले ली ……वो जहर उसके खुद शरीर ने ही सदमे मे उत्पन्न किया था । हमारे हर संकल्प से पाजिटीव एवं निगेटीव एनर्जी उत्पन्न होती है ….वो हमारे शरीर मे उस अनुसार hormones उत्पन्न करती है । 75% वीमारियों का मूल कारण नकारात्मक सोंच से उत्पन्न ऊर्जा ही है । आज इंसान ही अपनी गलत सोंच से भस्मासुर बन खुद का विनाश कर रहा है …… अपनी सोंच सदैव सकारात्मक रखें और खुश रहें।
मैं कभी सोंचता हूँ की सबकुछ होते हुए असंतोष का भाव क्योँ आता है? क्या इसके पीछे राजनीती है? क्या इसके पीछे जातिगत रेस है? कई प्रश्न दिमाग में आते हैं जवाब में मुझे सिर्फ एक कारण और सिर्फ एक नाम स्मरण होता है वो है ओछी राजनीती और नितीश कुमार। नितीश कुमार कभी इस करवट, कभी उस करवट बैठ कर ऐसा स्वांग रच चुके हैं कि उसकी गफलत में कुछ मेरे अपने भाई बंधू भी आ गए हैं। मैं अपने किसी भी भाई बंधू को नितीश का प्यादा नहीं मानता हूँ, वो लोग भूले भटके लोग हैं, उनमें से कुछ बड़े मंत्री भी रहे हैं मेरे अनन्य मित्र हैं हो सकता है किसी कारणवश उनको मेरा विरोध करना पड़ा हो पर मेरा मानना है कि एक ही कुल के लोग विरोधी नहीं critique होते हैं। एक कहावत है ‘निंदक नियरे रखिये आँगन कुटी छवाये’। मेरे बंधू – बान्धव से मेरा कोई बैर नहीं और आने वाले समय में नीतीश कुमार रूपी आलपिन को जो विषधर होने का स्वांग रच रहा है सब पहचान जायेंगे क्योँकि अभी चुनाव खत्म नहीं हुआ विशेष राज्य का दर्जा वाला राग अलापने लगे पलटूराम मतलब जो मोदी का नहीं हुआ जिसके साथ जिसके लिए वोट मांग रहा है वो जहानाबाद की जनता का क्या होगा?
अवसरवादी, अपराधी के प्रणेता नितीश कुमार को चोट यहीं से मिलेगी ऐसा मेरा विश्वास है, समाज का विश्वास है। नितीश बाबू मेरी अभिव्यक्ति से आप समझ जाइये की मैं किस हद तक आपकी राजनीत को समंझ रहा हूँ, आप कितने भी एजेंट लगा लीजिये मुझ से पहले आपको मेरे बंधू- बान्धव का सामना करना होगा। आपको जहानाबाद का सामना करना होगा।
#जय जहानाबाद