मैं राजनीतिक पोस्टों से अक्सर दूर ही रहता हू, मै बेगूसराय का बेटा हूँ। बेगूसराय लोकसभा चुनाव अभी चर्चाओं मे छाया हुआ है। यहाँ एक तरफ बीजेपी से गिरिराज सिंह है तो दूसरी तरफ वामदलों से कन्हैया कुमार, महागठबंधन से तनवीर हसन भी है। गिरिराज सिंह और कन्हैया कुमार दोनो भू समाज से है , गिरिराज सिंह जहाँ हिन्दू हृदय सम्राट के नाम से जाने जाते है तो कन्हैया कुमार गरीब और दलितो का नेता ।
कन्हैया के चुनाव प्रचार के लिए टुकडे गैंग, अवार्ड वापसी वाले, ब्रह्मण को हर कदम पर गाली देने वाला जिग्नेश,, हार्दिक और भी बहुत सारी ऐसी ताकते बेगूसराय आ रही है। कल आपको बेगूसराय मे जय भीम का नारा सुनने को मिलेगा ही क्योकि सारे लोग भीम वाले ही है उस गैंग मे।
बेगूसराय के लोग याद रखें यही जिग्नेश मेवानी दिन रात समान्य जाति के लोगों को गालियां देता रहता है और जातिय संघर्ष को बढावा देता है आया है।
2009 मे बेगूसराय से मोनाजिर हसन सांसद थे। उनके सांसद काल मे भूमिहारो के लिए कुछ भी अच्छा काम न हुआ परंतु कुछ बुरा भी न हुआ था । लेकिन कन्हैया और इनके समर्थक बेगूसराय मे हमलोगों के जमीन पर अवैध कब्जा करवा चुके है, और आगे इसके जीत जाने पर हमारे साथ क्या होगा,,सोच कर सिहरन सी हो जाती है । हमारी आबादी सबसे ज्यादा यहाँ पर है परंतु हमे जय भीम वाले बेवजह घसीटेंगे क्योकि उसका आकां यहाँ से सांसद रहेगा।
अगर आज मै कन्हैया को यह सोच कर समर्थन करू कि वो युवा पढा लिखा है तो राहुल अखिलेश और बहुत सारे लोग विदेशों से पढकर यहाँ राजनीति कर रहे है। मुझे खुद और आने वाली पीढ़ी का भविष्य देखना है। बीजेपी ने भू समाज के साथ दोहरा चरित्र निभाया है। मतलब आज के दौर मे हमारा साथ देने वाला कोई नही है, और वो हमारे जडों को खोंखला कर रहा है। मै किसी पार्टी को सपोर्ट करने नही बोलूंगा परंतु कन्हैया कुमार को तो हरगिज़ सपोर्ट नही करूंगा।
तनवीर हसन केजीतने पर हमारा कोई नफा नुकसान नही होगा परंतु इसके जीतने पर हमारा नुकसान जरूर होगा ।
स्वविवेक से मतदान करे, ताकि हमारी जडे भी मजबूत रह सके और जमीन भी।
#मुझे भक्त और चमचे की उपाधि न दे