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भगवान परशुराम का जयकारा चारो तरफ हो रहा है। उनके भक्त चहुंओर है। इसी को देखते हुुए अब सिक्कम में भी उनकी भव्य मूर्ति के निर्माण की आधारशिला रखी गयी।

सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग ने गुरुवार को पूर्वी सिक्किम के लॉअर तुमिन के बरांग में भगवान परशुराम की मूर्ति की आधारशिला रखी। यह मूर्ति 54 फीट ऊंची होगी। यह भारत में भगवान परशुराम की सबसे लंबी मूर्ति होगी।

मुख्य मूर्ति के सपोर्ट के लिए विस्तृत इंफ्रास्ट्रक्चर होगा। पूरे कॉम्प्लेक्स को परशुराम धाम कहा जाएगा।

इस प्रोजेक्ट पर कुल लागत आएगी 78.04 करोड़ रुपए। मुख्यमंत्री ने इस प्रोजेक्ट के लिए इलाके के लोगों को बधाई दी। उन्होंने पूर्ण होने के बाद यह प्रोजेक्ट राज्य और देश के टूरिज्म हेरिटेज डेस्टिनेशंस के बास सबसे ज्यादा देखे जाने वाले स्थलों में से एक होगा।

चामलिंग ने कहा, भगवान परशुराम की मूर्ति भारत की सबसे बड़ी और ऊंची मूर्ति होगी। इससे क्षेत्र के लोगों के लिए अवसर के द्वार की बाढ़ आ जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट से कई लाभ होंगे। जमीन के दाम बढ़ जाएंगे, होटलों, कारों और अन्य सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी।

युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खुल जाएंगे। फूलों की दुकानें, हार गृह, दूध व दूध के उत्पाद, पूजा की वस्तुओं से संबंधित दुकानें खुलेंगी। इसके अलावा यह प्रोजेक्ट क्षेत्र के लोगों को आत्मनिर्भर बनाएगा। यह ही इससे नौकरियां भी मिलेंगी। राज्य में इसी तरह के प्रोजेक्ट पर बोलते हुए चामलिंग ने कहा कि राज्य सरकार का विजन राज्य व यहां के लोगों के विकास व प्रगति के लिए सिक्किम में मौजूद संसाधनों का किफायती रूप से इस्तेमाल करना है।

उन्होंने कहा, हमने अपनी संस्कृति और परंपरा को मॉर्डन डिवलपमेंट मैथड के साथ इंटीग्रेट किया है। यह विशेष प्रोजेक्ट उसका एक और उदाहरण होगा। प्रोजेक्ट यह ध्यान रखा गया है कि सेंटर में 54 फीट ऊंची भगवान परशुराम की मूर्ति के साथ आर्ट रिलीजियस कॉम्प्लेक्स स्थापित किया जाएगा। 54 फीट ऊंची मूर्ति ब्रॉन्ज मेटल से बनेगी। यह लॉ वैक्स प्रोसेस से तैयार होगी। यह मूर्ति पेडेस्टल से 15 से 16 फीट ऊंची रखी जाएगी। इस तरह इसकी ऊंचाई पेडेस्टल समेत करीब 70 फीट होगी। पूजा और हवन के लिए पेडेस्टल के दोनों और हवन कुंड होंगे। धार्मिक अनुष्ठान के लिए 3500 स्कवेयर फीट एरिया का बहुउद्देश्यीय हॉल बनेगे। माल बेचने और दिखाने के लिए कॉम्प्लेक्स में 2500 स्कवेयर फीट की स्मारिका शॉप होगी।

प्रोजेक्ट में कई फूड काउंटर्स के साथ फूड कोर्ट को भी शामिल किया गया है। प्रवेश के करीब टिकट काउंटर के साथ साथ बैक ऑफिस और स्टोरेज की सुविधाएं होंगी।

हिंदू दैवीय चरित्रों के सिद्धांतों को प्रदर्शित करने के लिए कॉम्प्लेक्स में मॉडल डिस्प्ले रूम भी होगा। चार मेडिटेशन हट्स, प्रीमियर कैटेगरी का गेस्ट हाउस, पुजारियों के रहने के लिए दो क्वार्टर और एक स्टाफ क्वार्टर होगा। कम्पाउंड में महिलाओं व पुरुषों के लिए 2 टॉयलेट ब्लॉक्स होंगे।

भगवान परशुराम की मूर्ति की ओर जाने वाले मुख्य प्रवेश मार्ग का नाम खांडा परशु मार्ग रखना प्रस्तावित है, जहां भगवान परशुराम से संबंधित संपूर्ण इतिहास दीवार पर प्रदर्शित किया जाएगा। प्रोजेक्ट के अन्य फीचर्स में जल आपूर्ति, कचरा प्रबंधन और फायर फाइटिंग सिस्टम शामिल होगा।

पूरे कॉम्प्लेक्स को अलग से प्रवेश और निकासी के लिए दो मुख्य द्वार होंगे। लीन टाइम के दौरान दो छोटे द्वार का इस्तेमाल होगा। सभी द्वार धार्मिक धीम पर पूरी आर्टवर्क से तैयार होंगे।

कॉम्प्लेक्स की ब्रिक वर्क और आरसीसी पिलर्स के साथ कम्पाउंट फेंसिंग होगी। यह कॉम्प्लेक्स 4.652 एकड़ जमीन पर बनेगा। इस पर कुल लागत 78.04 करोड़ रुपए आएगी।

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