बिहार और उत्तरप्रदेश में गमछा वेश – भूषा का अभिन्न हिस्सा रहा है. इसके उपयोग के तो क्या कहने? बहरहाल कोरोना काल में इसकी उपयोगिता और भी अधिक बढ़ गयी है.
खासकर प्रधानमंत्री ने जब से अपने सन्देश में लोगों से ये अपील की है कि यदि मास्क उपलब्ध न हो तो गमछे से ही अपने चेहरे को ढंके और इस संक्रामक बीमारी से अपना बचाव करे जिसका अनुसरण बड़ी संख्या में लोग कर रहे है.
इससे फायदा हो रहा है कि मास्क को लेकर कोई अफरातफरी नहीं मच रही. बहरहाल आज हम आपको वरिष्ठ समाजसेवी गोपाल जी राय के सौजन्य से गमछा बाँधने की तीन कलाओं के बारे में तस्वीरों के माध्यम से बता रहे हैं.
इसके फायदे ये हैं कि धूप लगे तो सिर पर बाँध लो, धूल से बचना है तो मुंह पर बाँध लो, हाथ-मुंह पोछना है तो हाथ-मुंह पोछ लो. यानी एक गमछा के कई उपयोग.
गोपाल जी राय से जानिये गमछा बाँधने की तीन कलाएं