नवादा का गाजीपुर गाँव में शौचालय को लेकर अंधविश्वास
नवादा. अंधविश्वास की खाई बड़ी गहरी होती है और उसे पाटना इतना आसान नहीं होता. बिहार के नवादा जिले का गाजीपुर गाँव इसी का एक नमूना है. तकरीबन 2000 की आबादी वाले भूमिहार बहुल गाँव में एक भी शौचालय नहीं है. ऐसा पिछले 25 सालों में पनपे अंधविश्वास की वजह से है. 
ग्रामीणों का कहना है कि 25 साल पहले गांव के श्रीधेश्वर और एक अन्य परिवार के लोग अपने घर में शौचालय बनवा रहे थे, लेकिन इस बीच उन दोनों ही परिवार के एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई. तभी से यह अंधविश्वास घर कर गया कि शौचालय बनवाने का मतलब किसी परिजन को खोना. जिला मुख्यालय से 14 किमी दूर गांव का इतिहास करीब 300 साल पुराना है और शौचालय छोड़ अन्य सभी सुविधाएं कमोबेश हैं. आबादी भी मिलीजुली है, आधे भूमिहार हैं बाकी में पिछड़ी व दलित जाति के लोग हैं. यहां के कई लोग सरकारी नौकरी में हैं. कोई बिहार पुलिस में है तो कोई इंजीनियर। कई दिल्ली-मुंबई में नौकरी भी करते हैं। गांव की सड़क ठीक है। बिजली भी 14 घंटे तक आ जाती है. गांव में एक सरकारी प्राथमिक स्कूल भी है, जहां 200 बच्चे पढ़ते हैं। 
करीब आठ साल पहले इस स्कूल में शौचालय भी बनवाया गया, लेकिन आज तक उसका प्रयोग नहीं किया गया। वहां बच्चे तो बच्चे, स्कूल के शिक्षक भी जाने से डरते हैं. गांव के ही दिलीप कुमार व स्याहदेव सिंह बताते हैं कि घर में शौचालय न होने की वजह से रिश्तेदारों को समस्या होती है, लेकिन उन्हें समझाकर नवादा के होटलों में ठहरा दिया जाता है। गांजीपुर गांव के आसपास के गांवों में कई लोगों के यहां शौचालय बना है। वहां के लोगों ने कई बार गाजीपुर के लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन डर की वजह से किसी ग्रामीण ने शौचालय बनवाने की हिम्मत नहीं जुटाई। बीडीओ राधारमण मुरारी ने कहा कि गांजीपुर के लोगों में अंधविश्वास है। अनहोनी की आशंका में शौचालय का निर्माण नहीं करवा रहे हैं। बुद्धिजीवियों से पहल कराकर हम लोगों ने कुछ महीने से वहां शौचालय निर्माण के लिए जागरूक कर रहे हैं। 
वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि यह तो पूरी तरह से अंधविश्वास है। हर घर में किसी न किसी की मौत होती है। यह मामला मेरे संज्ञान में अब आया है। जल्द ही मैं अपने नवादा आऊंगा और गाजीपुर गांव के लोगों से बात करूंगा।

गाजीपुर गांव में शौचालय नहीं होने से कई रिश्ते भी टूट गए हैं। गांव के ही एक परिवार में हाल ही जहानाबाद जिले से आया रिश्ता इस वजह से टूट गया कि उनके यहां शौचालय नहीं बना था। ऐसे कई मामले हुए, फिर भी ग्रामीण शौचालय बनवाने को तैयार नहीं हैं। गाजीपुर के उमाशंकर सिंह ने बताया कि शादी के बाद आने वाली बहुएं शौचालय की मांग रखती हैं, लेकिन हम भी अपनी लाचारी बता देते हैं। इसके बाद वह भी कुछ नहींबोलता.
(स्रोत-एजेंसी /हिन्दुस्तान)

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