रामजन्म भूमि रक्षा में बाबर के सेना के विरुद्ध ब्राह्मणों की सेना का नेतृत्व करते हुये बड़ी संख्या में भूमिहार ब्राह्मण एवम उनके सहयोगी कान्यकुब्ज ब्राह्मण आक्रमणकारी सेना द्वारा मारे गये ऐसा वर्णन कान्यकुब्ज ब्राह्मणों की 360 वंशावलियों में प्राप्त होता है। यह युद्ध सन 1528 ईस्वी में कानपुर जिले के मदारपुर नामक जगह पर लड़ा गया था ।

अयोध्या पर लिखे गये अब तक के सबसे प्रामाणिक पुस्तक “राम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या की प्राचीनता” के लेखक प्रो दीनबंधु पांडेय ने ब्राह्मण सेना के नेतृत्वकर्ता भूमिहार ब्राह्मण की विस्तृत चर्चा की है। पुस्तक में इस तथ्य को संपुष्ट करने वाले कान्यकुब्ज प्रबोधनी, वृहद कान्यकुब्ज कुल दर्पण जैसे ऐतिहासिक पुस्तकों का संदर्भगत उल्लेख किया गया है। विस्तृत जानकारी के लिए संलग्न चित्र को क्लिक कर पढ़ें।
राम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ में पूर्णाहूति के तौर पर अपने भूमिहार ब्राह्मण समाज से आने वाले संजय मिश्रा होम हुये थे । 6 दिसंबर 1992 को बाबरी ध्वंस में मुजफ्फरपुर के काँटी थाना के साइन गाँव निवासी संजय कुमार भी गुंबद पर चढ़ने वालों में से थे। उसी घटना में उनकी मृत्यु हुई थी। इनकी चर्चा इसलिये नहीं हुयी क्यूँकि ये भूमिहार ब्राह्मण समाज से आते थे ।
यह भी पढ़े – बिहार के भूमिहार ब्राह्मणों के पौरोहित्य का विराट इतिहास
Jai Shri Ram
Jai Hind
Jai Maa Bharti
Comments are closed.