युवराज सिंह, सदस्य, भूमंत्र
आप माने या न मानें , लेकिन वास्तविकता यही है कि भाजपाई आला कमान अपने रास्ते में पड़ने वाले दिग्गज भूमिहार नेताओं को पंगु बनाने की गुप्त रणनीति पर निरंतर कार्यरत है ।
आदरणीय गिरिराज जी (नवादा-बेगुसराय , लगभग तय) और सिन्हा जी (गाजीपुर-बलिया , संभवतः) की सीट-सिफ्टिंग इसी काली रणनीति का प्रथम चरण है ।
दोनों योद्धाओं के लिए नया सीट काफी चुनौतियों से भरा है , पराजय भी संभव है , लिहाज़ा इनके राजनीतिक जीवन पर विराम लगाने का ये आसान तरीक़ा है ।
पार्टी आला कमान के लिए ये दोनों इसलिए सरदर्द हैं क्योंकि इनकी हैसियत के मुताबिक पार्टी इन्हें पद नहीं देना चाहती है और संभवतः इनके कैरियर को श्रद्धांजली देना का सारा साजो-सामान भाजपा तैयार कर चुकी है ।