समाज के कालनेमियों से बचते हुए बिहार में सामूहिक खेती करने की जरुरत –...
देश के हरेक राज्य से आज बिहार के लिए मानव श्रृंखला बन गयी है. अब सवाल उठता है कि अप्रवासी मजदूर के रूप में...
बिहार को बदलने के लिए बिहारियों को आगे आना होगा – कुणाल सिन्हा
पूरी दुनिया में कोरोनावायरस के कारण सन्नाटा पसरा हुआ है. उधोग धंधे बंद पड़े हैं. लोगों के सामने रोजी-रोटी की समस्या मुंह बाए खड़ी...
प्रवासी मजदूरों का स्वागत कीजिये, खेती-बाड़ी से नया बिहार बनाइये – अभयानंद
कोरोनायुग के लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों की समस्या बड़े पैमाने पर उभरकर सामने आयी है.बिहार के
संदर्भ में यह समस्या और विकराल बनकर उभरी...
लॉकडाउन में टूटता मुगालता – ढहता किला : एक अवलोकन
माध्यम वर्गीय परिवारों से अब राष्ट्रप्रेम का चबेना अब चबाया नहीं जाता। जैसे तैसे परिवार का भरण पोषण करने वाले इंजीनियरों तथा मार्केटिंग फैक्ट्री...
भूमिहार युवकों में क्या गुण होने चाहिए, आइये लॉकडाउन में विचार करते हैं
भूमिहार के बारे में हम लोग खूब चर्चा करते हैं। लेकिन क्या कभी हम लोगों ने कभी रूक कर सोचा है कि हमारा लक्ष्य...
दोस्त रजनीकांत राय की मृत्यु की खबर सुनते हीं सन्न रह – कुमार विरेन्द्र...
समाजसेवी रजनीकांत राय अब हमारे बीच नहीं रहे. दो दिनों पहले बेंगलुरु में उनका आकस्मिक निधन हो गया. उनकी याद में आज भूमंत्र पर...
बिहार डायरी : मुख्यमंत्री राहत कोष में पैसा जमा कराना सरकार के प्रोपगंडा का...
प्लूरल्स पार्टी बनाकर बिहार की राजनीति में स्थापित राजनेताओं और पार्टियों को चुनौती देने वाली पुष्पम प्रिया चौधरी का कहना है कि बिहार के...
कोरोनावायरस, लॉकडाउन और अपना वजूद तलाशते बिहारी
बिहार में पिछले दो-तीन दशकों में सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य का बदलता स्वरूप और उसका परिणाम :
कोराना की वजह से लॉकडाउन क्या हुआ अपनी वजूद को...
आखिर स्वामी सहजानन्द को क्यों भूला दिया गया?
आखिर स्वामी सहजानन्द को क्यों भूला दिया गया?
किसानों की बहुलता और आधुनिक भारत के निर्माण में अहम योगदान होने के बावजूद किसानों के राष्ट्रवाद...
बिहार केशरी श्री कृष्ण सिंह के अधूरे सपनों को साकार करने से आखिर कबतक...
बिहार केशरी श्री कृष्ण सिंह (श्री बाबू) की पुण्यतिथि पर विशेष
महान स्वतंत्रता सेनानी 'बिहार केसरी' डॉ. श्रीकृष्ण सिन्हा उर्फ श्री बाबू भारतीय राजनीति में...